Thursday, 26 January 2023

महिलाएं और हम

 सारी महिला जो अपनो के लिए

अपना आप खो देती है,

या कोई ना कोई तरीके से खो जाता है,

जानते हुए अनजान बन जाती है

जानके भी अनदेखा कर देती है, 

और जूट जाती है अपने असपास,

और

जुड़े हुए सारे लोगो का, 

अपना आप रचने मे,

उनको रचीयिता बनाने मे, सवारने मे..

कभी ना थमने वाला,

थकने वाला मार्ग है ये,

पता नहीं कैसे मुस्कान लिए दोडती रहती है, 

हमे तो सोचते भी थकन सी महसूस होती है

और वो थकना भी भूल जाती है,

और एक.. 

हम और हमारी अपेक्षाएं थमने का नाम ही नहीं लेती...

ताजुब है,

सोचा है, या कभी पूछा है? 

उनको

उनको भी तो हमसे कुछ चाहिए होगा! 

उनको भी तो कुछ आश होगी! 

छुट्टी ही चाहिए होगी,

या आपने आप के लिए समय चाहिए होगा,

क्या.. 

उनको भी खेलना होगा, दोडना होगा..

बहोत कुछ करना होगा या..

सिर्फ दो पल ठहरना ही होगा

या हो सकता है, 

चैन की साँस ही लेनी होगी?

कभी पूछा है हमने?

छोड़ो कभी पूछने का सोचा है हमने?

क्यु ना हम वो आज करे,..!!

साथ बैठे, पास बैठे,

और

पूछ ले क्या चाहिए आपको?

क्या करना है आपको?

किससे आपको खुशी मिलेगी?

क्यु ना कुछ ऐसी तूफानी करे.. 

और हम उनकी उम्मीद बने जिनसे हमे दुनिया भर की उम्मीद है,

करे कुछ उनके लिए,

उनकी खूबसूरत मुस्कान के लिए..

वैसे 

ऐसे नसीब कहां हमारे?

बहोत सोचा, पढ़ा, चले उठे.. 

अभी भी देर तो नहीं हुई!

उनकी सुन लेते है, 

उनको थोड़ी सी मदद कर देते है,

कुछ ऐसा भी कर लेते है, 

उनकी थमी हुई पहचान लौटाते है...

क्या कहते हो?

सलाम उन सभी महिलाओं को, (दादी, नानी, माँ, पत्नी, दोस्त, चाची, मासी, बुआ, ग्रहीनी, बहन, और बेनाम स्त्रियों को जो दूसरो की पहचान बनाने मे खुद को पहचान ना भूल गए हैं, कहीं खोये, सहमे, दबे हुए हैं!! 💫🙏🎉✨🕊️😇

धन्‍यवाद

#Krupatmak

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